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Ramzan Ki Fazilat Ahmiyat aur Barkat Kya Hai | रमज़ान की फ़ज़ीलत के बारे में हदीस

Ramzan Ki Fazilat

आज के इस लेख में हम आपको Ramzan Ki Fazilat (रमज़ान की फ़ज़ीलत) बताने वाले है।

Ramzan Ki Fazilat जान लेने के बाद आप खुद बखुद समझ जाएंगे की हमें इस मुबारक और बाबरकत महीने को कैसा गुज़ारना चाहिए। Ramzan Ki Fazilat दूसरे महीनों की तुलना में ज़्यादा इसलिए हे क्यूंकी इस महीने में बहुत सारी इबादतों का जमा होना इस महीने को अफ़ज़ल बना देता है। तो रमज़ान की फ़ज़ीलत जानने के लिए इस लेख को आप पूरा पढ़े।

रमज़ान शब्द

इस्लामी गिनती के हिसाब से रमज़ान का महिना 9 वा महिना है।

रमज़ान ये अरबी शब्द है जिसका मतलब है बहुत गर्मी और तपिश क्युकी रमज़ान में रोज़ेदार भूक और प्यास महसूस करता है। यही वजा से रमज़ान नाम पढ़ा।

रमज़ान का ज़िक्र क़ुरआन में

रमज़ान एक ऐसा अकेला महिना है जिसका नाम क़ुरआन में आया है।

रमज़ान का महिना वो है जिसमे क़ुरआन उतारा गया। (सूरह बक़रह 185)

रमज़ान में क़ुरआन को लौहे महफ़ूज़ से आसमानी दुनया पर उतारा गया।

फ़िर जब जब अल्लाह चाहता जरूरत के हिसाब से हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर उतारता रहता।

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Ramzan ki Fazilat Hadees Main

नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया जब रमज़ान का महीना आता है तो आसमान के सब दरवाज़े खोल दिए जाते है और जहन्नम के दरवाज़े बंद करदिये जाते है और शयातीन को ज़ंजीर से जकड़ दिया जाता है (Sahi Bukhari 1899)

रमज़ान का महीना पाने के लिए दुआ मांगना

सहाबा इकराम रमज़ान के 6 महीने पहले अल्लाह तआला से दुआ मांगा करते थे की ए अल्लाह हमें रमज़ान तक पहुंचा दे। ताकि हम रमज़ान का महिना पाकर इसमें खूब इबादत करसके और अपने गुनाहों से तोबा करसके। और अपने नफ़्स को पाको साफ़ करसके। और रमज़ान से खूब फायदा उठा सके।

रमज़ान की इबादत की क़बूलियत के लिए दुआ मांगना

सहाबा इकराम रमज़ान को पालेने के बाद उसमें खूब इबादत किया करते और उसकी क़बूलियत के लिए दुआ किया करते।

रमज़ान को पालेने के बाद सहाबा इकराम ये दुआ करते थे की ए अल्लाह हमें इस महीने में अमले सालेह करने की तौफ़ीक़ अता फ़रमा।

और जब रमज़ान खतम होजाता तो जो इबादत उन्होंने रमज़ान में की थी उसकी क़बूलियत के लिए 6 महीने तक दुआ किया करते।

Ramzan ki Fazilat का कारण

  • रमज़ान के महीने में ही क़ुरआन करीम नज़िल हुवा
  • यही महीने में रोज़े आते हें जो के फ़र्ज़ है
  • रोज़ों से बंदों के अंदर तक़वा पैदा होता है
  • हदीस में आता हे की रमज़ान के महीने में जन्नत के दरवाज़े खोल दिए जाते है
  • और जहन्न के दरवाज़े बंद कर दिए जाते है
  • सरकश शयातीन को जंजीरों में जकड़ दिया जाता है
  • एतेकाफ़ जैसा बड़ा अमल
  • शबे क़द्र की रातें
  • बंदों को अल्लाह की तरफ़ से मगफ़िरत प्राप्त होना
  • अल्लाह तआला हर इफ़तार के वक़्त कुछ लोगों को जहन्न से आज़ाद करता हे और ये (रमज़ान की) हर रात को होता हे (इब्ने माजा 1643)
  • रोज़े का अज्र अल्लाह तआला खुद अता करेगा
  • रोज़ेदार के लिए खास दरवाज़ा जिस से वो जन्नत में जाएंगे
  • रोज़ा को जहन्नम से ढाल बताया गया है
  • इन सारी और कई चीजों के कारण रमज़ान की बड़ी फ़ज़ीलत है

रमज़ान का वक़्त तिलावत के लिए खास करना

मोहद्दिसों के बारे में आता हे की वो लोगों को तालीम दिया करते थे जब रमज़ान का महिना आता तो वो अपना अक्सर वक़्त रोज़े और क़ुरआन की तिलावत के लिए खास करदेते।

रमज़ान के लिए आप की खास तय्यारी

आईशा रज़ियल्लाहु अन्हा बयान करती हे जब रमज़ान का आखरी अशरा आता तो नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अपना तहबन्द मज़बूत बांधते और उन रातों में आप खुद भी जागते और अपने घर वालों को भी जगाया करते थे (बुखारी 2024

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Ramzan Ke Rozon Ki Fazilat Hadees

रसू लुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया जो आदमी रमज़ान के रोज़े सवाब की नियत के साथ रखे उसके पिछले गुनाह माफ़ करदिए जाते हे (बुखारी 2014)

रमज़ान में लै-लतुल क़द्र की नमाज़ की फ़ज़ीलत हदीस

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया जो आदमी लै-लतुल क़द्र में सवाब की नियत के साथ नमाज़ पढ़े उसके पिछले पाप माफ़ कर दिए जाते है (बुखारी 2014)

रोज़ेदार की फ़ज़ीलत

रमज़ान की फ़ज़ीलत जब इतनी सारी हे तो उसके रोज़े रखने वालो की भी बड़ी फ़ज़ीलत है

अल्लाह के  नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इरशाद फ़रमाया जन्नत का एक दरवाज़ा है जिसे रय्यान कहते है, क़यामत के दिन ऊस दरवाज़े से सिर्फ़ रोज़ेदार ही जन्नत में दाखिल होंगे (बुखारी 1896)

सुबहानल्लाह ये है  रोज़ेदार की फ़ज़ीलत

रोज़ेदार की विशेषताएं

  • रोज़ेदार की विशेषताएं
  • रोज़ेदार रोज़ा अल्लाह की रज़ा के लिए रखता है
  • वो रोज़ों में रियाकारी नहीं करता
  • वो रोज़ा लोगों के दिखावे के लिए नहीं रखता